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कमजोरी क्या है और जाने इसका उपाय

 

                                                कमजोरी क्या है और जाने इसका उपाय 


कमजोरी : - कई बार चलते-चलते थकान महसूस होना या छोटे छोटे काम के दौरान भी लोगों को थकान या चक्कर आने लगते हैं। ऐसा कमजोरी के कारण हो सकता है, अक्सर लोग कमजोरी को साधारण सी समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकती है। शरीर की थकावट ही कमजोरी है और इसमें एक या कई मांसपेशियों में ताकत की कमी का एहसास होने लगता है। कमजोरी पूरे शरीर में या शरीर के किसी एक भाग में महसूस हो तो थकान महसूस होने लगती है।

क्या है कारण
कारण पता चलने पर ही इसका इलाज हो सकता है। यह स्ट्रोक के बाद या तंत्रिका से जुड़ी चोट या नर्व इंजरी के कारण भी हो सकती है या मल्टीपल स्क्लेरोसिस, जिसमें मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती हैं के बाद। कई बार कमजोरी महसूस होती है, लेकिन ताकत की कमी नहीं होती। इस स्थिति को सबजेक्टिव कमजोरी कहते हैं। यह फ्लू या संक्रमण के कारण हो सकती है। कुछ तरह की कमजोरी में ताकत नहीं रहती, इसे ऑब्जेक्टिव कमजोरी कहा जाता है।

जाने कमजोरी का उपाय -  यह एक अत्यधिक महत्वपूर्ण मुद्रा है। प्राण मुद्रा नमक शरीर के बटन को दबाते ही शरीर में प्राण शक्ति को त्रीवता से उतपन्न करने वाला डायनेमो चलने लगता है  और ज्यों प्राण शक्ति रूपी बबिजली शरीर की बैटरी को चार्ज करने लगती है. त्यों रोगी को अपने भीतर चेतना अनुभव होने लगती है. प्राण शक्ति का संचार करने वाली इस प्राण मुद्रा के अभ्यास से कमजोर व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक दृस्टि से इतना शक्तिशाली बन जाता है कि किसी भी रोग या संक्रमण रूपी शत्रु का शरीर में घुसपैठ करना आसान नहीं रह जाता।  एक बात विशेष ध्यान रहे की प्राण शक्ति के कमी से शरीर विभिन्न रोगो का शिकार होता है।  प्राणवायु मुख्यत्या नाशिका में मुख में हृदय में और नब्भी के मध्य भाग में होती है।  

Pran Mudra

समय सीमा : इस मुद्रा का अभ्यास सब्भी स्वस्थ और अस्वस्थ व्यक्ति इच्छानुसार कभी भी कर सकते है। चाहे उस समय कोई बैठा हो, लेता हो या टहल रहा हो प्राण शक्ति के बृद्धके लिए प्राण मुद्रा का अधिक से अधिक प्रयोग किया जा सकता है. 
विधि : अनामिका(Ring Finger) व कनिष्टिका( Small Finger) के अग्रभागको अंगूठे के अग्रभाग से मिलाये।  शेष दोनों अंगुलिया सहजता से सीधी रहनी चाहिए। 


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